शुक्रवार, 30 अगस्त 2013

Tumko kah diya

क्या बुरा किया जो मैने तुझको कह दिया
तेरा था जो मन में मैने तुझको कह दिया
जनता हूँ चाँद को चाहना दस्तूर नही कोई
चाँदनी के कानो में मैने तो सब कह दिया
जनता हूँ खवाबो की कोई उमर नही होती
इन्ही ख्वाबो को मैने अपना दर्द कह दिया
तुम्हारी नाराज़गी जायज़ है मेरी नादानी है
इन्ही नादानियों नें दिल का हाल कह दिया
कब किया मैने इंतज़ार की तू भी कुछ कहे
तेरे कहने से पहले मैने सब कुछ कह दिया
मुआफ़ कर दो मेरी ख़ताओ को अपना मान
जो सच था वही तो मैने सच सच कह दिया
क्या बुरा किया जो मैने तुझको कह दिया
तेरा था जो मन में मैने तुझको कह दिया

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