मुझे कुछ कहना है
थोडा नहीं बहुत कुछ कहना है
पर मेरा मौन ।
तुम्हारे स्नेह को ही तो मोन लिया ।
फिर भी मन के सागर में
शब्द उमंगें ले रहें हैं।
निशब्द होठ, मन की थाह लेने के प्रयास में
कभी फडकते कभी सिमटते।
जब तुम होते समक्ष ,
शब्द हदय में समरस हो जाते है।
मैं, मौन ही रहता पर
मेरे हदय की हर धडकन से
ध्वनित होता है
स्वर मेरे मौन का
मुझे कुछ कहना है
जवाब देंहटाएंथोडा नहीं बहुत कुछ कहना है
पर मेरा मौन ।
तुम्हारे स्नेह को ही तो मोन लिया ।
bahut sunder swar-lhari!
ध्वनित होता है
जवाब देंहटाएंस्वर मेरे मौन का.......
वाह क्या बात है !
बहुत सुन्दर भाव ....सुन्दर प्रस्तुति.
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